सैय्यद जाकिर : जिल्हाप्रतिनिधि वर्धा
हिगंनघाट : शहर के बस स्टैंड पर अव्यवस्था का आलम डेपो मैनेजर की लापरवाही साफ दिखाई देती है। जिसकी वजह से नागरिकों को परेशानियौंका सामना करना पड रहा है| ग्रामीण विभाग की ओर आवागमन करने वाली बसों की दुर्दशा हो गयी है। बस की सीटें फट गई है यात्रियों को बैठने में असुविधा होती है । सीटों में गड्ढे पड़ गए है बसों में साफ, सफाई नदारत है। शीशे टूट पड़े है। अब तो मशीनरी भी खराब हो गयी है। कई बार बीच रास्ते मे ही बस में खराबी आ जाने से बसे बन्द पड़ जाती है। स्कूल आने जाने वाले बच्चों और यात्रियों को भारी परेशानी होती है। हिगंनघाट डेपो की बसे भंगार का स्वरूप दिखाई देती है। बस आगमन के प्रवेश और निकासी द्वार पर बड़े,बड़े गड्ढे हो गए है जो बड़ी दुर्घटना को निमंत्रण है। नागरिक इस सब असुविधासे से परेशान है। स्थानिक प्रशासन इस पर गौर से विचार करके उपाययोजना करे ऐसे प्रवासीयौंका का कहना है!

बस स्टैंड परिसर के पालतू प्राणी मरे हुए पड़े दिखाई देते है तीन,तीन दिन ये प्राणी पड़े दिखाई पड़ते है ।दूसरे जानवर आकर इन्हें नोच नोच कर अपना आहार बना लेते है इसकी चारो ओर दुर्गध फैलती है। जिससे यात्रियों को परेशानी होती है ।बस स्टैंड प्रमुख नंद किशोर मसराम भी अनदेखी कर रहे है यात्रियों की बैठने की जगह पर दीवारों पर पान और खर्र के पिक दिखाई देते है ।डी0एम0 नेवारे सारी गम्भीर समस्याएं दिखाई नही देती। या फिर डी0एम0 आँखे मूंद बैठे है क्या?। वर्धा के डी.सी. साहब रायलवार इन समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे क्या?इस पर जनता का ध्यान पूरी तरह से केंद्रित है।
दखल न्यूज महाराष्ट्र.
